दोस्तों आज इस पोस्ट में हम CT और PT क्या है, और सीटी पीटी की इलेक्ट्रिकल सिस्टम में क्यों जरूरत है यह जानेंगे।
पोस्ट में आगे बढ़ने से पहले आप सभी को सीटी और पीटी की फुल फॉर्म पता होनी चाहिए।
- CT- करंट ट्रांसफॉर्मर (Current transformer)
- PT- पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर (Potential transformer)
दोस्तों CT और PT यह दोनो ही एक ट्रांसफॉर्मर है। इस वजह से इनका इस्तेमाल सिर्फ AC सप्लाई में ही करा जा सकता है। यहाँ आपको एक बात ध्यान रखनी चाहिए की यदि आपसे कभी इंटरव्यू में इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर के बारे में पूछे, तब आपको सीटी और पीटी के बारे में ही बताना है, क्युकी CT मतलब करंट ट्रांसफॉर्मर और PT मतलब पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर, यह दोनों इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफॉर्मर ही होते है।
सीटी पीटी क्या है (What is CT PT)
सीटी ओर पीटी यह दोनो मेजरिंग डिवाइस होते है। मेजरिंग डिवाइस का मतलब यह है, कि इन दोनो का उपयोग हम करंट ओर वोल्टेज को नापने के लिए करते है। CT PT का उपयोग हम उस जगह करते है, जहाँ पर काफी ज्यादा मात्रा में करंट ओर वोल्टेज का इस्तेमाल किया जाता है।
सीटी पीटी का काम- हाई वोल्टेज ओर हाई करंट को कम करके हमे कुछ पैरामीटर्स को देना होता है। उन पैरामीटर्स की मदद से हम बड़ी मात्रा में बहने वाले वोल्टेज ओर करंट को आसानी से मेजर कर सकते है।
सीटी क्या है (What is CT)
सीटी का मतलब करंट ट्रांसफार्मर है। जिसका काम इलेक्ट्रिकल सिस्टम में बहने वाली ज्यादा करंट को कम करना होता है।
सीटी क्यो लगाते है (Why CT transformer used)
जब कभी किसी सिस्टम में काफी ज्यादा करंट फ्लो होता है, तब उस करंट को मेजर करने के लिए मतलब कितना करंट चल रहा है, उसको पता करने के लिए CT को लगाते है।
हम हर जगह क्लैंप मीटर का उपयोग नही कर सकते है, क्योंकि हर डिवाइस की एक लिमिट होती है, कि उस पर ज्यादा से ज्यादा कितने करंट को चेक किया जा सकता है।
इस वजह से जहाँ पर हमे ज्यादा करंट को चेक करना होता है, वहाँ हमारे पास सिर्फ एक ही डिवाइस होता है। जिसका नाम सीटी मतलब करंट ट्रांसफार्मर है।
वैसे- अगर कभी आपने क्लैंप मीटर से AC करंट को चेक करा है, तो आपको बता दे। क्लैंप मीटर के ऊपर सीटी लगी होती है। उस सीटी की सहायता से ही करंट को चेक करते है। परन्तु यह सीटी काफी छोटी होती है, इसकी लिमिट भी काफी कम होती है। इस वजह से इसको हम बड़ी लाइन में उपयोग नही कर सकते।
सीटी कैसे काम करती है (How work CT)
सभी करंट ट्रांसफॉर्मर में एक ratio होता है, जिसको हम सीटी ratio कहते है। हमे पता है की सिटी current को कम करके देती है, तो यह सिटी हमे कितना करंट कम करके देगी वह पता करने के लिए सिटी पर एक ratio लिखा होता है, जिसको CT ratio(सीटी रेश्यो) कहते है।
सीटी रेश्यो क्या है (What is CT ratio)
सीटी रेश्यो की मदद से हम इस बात को पता कर पाते है की हमारी सीटी कितना करंट को कम कर रही है।
उदाहरण- जैसे कोई करंट ट्रांसफॉर्मर है, जिसका CT ratio 1000/5 है। इसका मतलब यह है की जब सिस्टम से 1000 एम्पेयर करंट निकल रहा होगा। तब CT उस 1000 एम्पेयर को 5 एम्पेयर में बदलकर हमे आउटपुट देगी।
और अगर हमने 1000/1 ratio की सिटी हमारे सिस्टम में लगा रखी है, तब यह सिटी वायर में बहने वाले 1000 एम्पेयर को आउटपुट वायर से 1 एम्पेयर में बदलकर भेज देगी।
पीटी क्या होती है (What is PT)
PT का पूरा नाम potential transformer है। अभी हमने आपको जो सब सीटी के बारे में बताया, पीटी भी वही काम करती है। परन्तु पीटी वह सब वोल्टेज के साथ करती है।
पीटी कैसे काम करती है (How work PT)
पोटेंशनल ट्रांसफार्मर हाई वोल्टेज को कम करके हमे आउटपुट में कम वोल्टेज को देता है। पीटी का उपयोग हाई ट्रान्समिशन लाइन में किया जाता है। क्योंकि ट्रान्समिशन लाइन में काफी ज्यादा हाई वोल्टेज का इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे- हमे सब जानते है की 33 किलो वोल्ट या इससे भी ज्यादा 2 लाख 20 हजार, इतने ज्यादा वोल्टेज को हम वोल्ट मीटर से चेक नही कर सकते। तो इस समय हम पिटी का उपयोग करके उस हाई वोल्टेज को कम वोल्टेज में बदल लेते है, ओर बाद में हम पीटी से निकले वोल्टेज को वोल्टमीटर की मदद से मेजर कर लेते है।
पीटी रेश्यो क्या होता है (What is PT ratio)
जिस तरह सीटी पर CT ratio लिखा होता है, ठीक उसी तरह PT पर भी पीटी रेश्यो होता है। जिसको PT ratio कहते है।
जैसे- 1000/1 की सीटी 1000 एम्पेयर को 1 एम्पेयर में बदल देती है। उसी तरह पीटी में भी रेश्यो होता है। अगर कोई पिटी है ओर उसका रेश्यो 11000/110 है, तब इसका मतलब यह PT 11000 वोल्टेज को 110 वोल्टेज में बदल कर आउटपुट निकलती है।
CT और PT में अंतर (CT PT difference)
- करंट ट्रांसफार्मर CT का उपयोग करंट की वैल्यू नापने के लिए करते है, जबकि पोटेंशनल ट्रांसफार्मर PT का उपयोग वोल्टेज नापने में होता है।
- PT को सिस्टम के साथ पैरेलल में जोड़ा जाता है, जबकि CT को सीरीज में जोड़ा जाता है।
- CT RATIO की रेंज 1 एम्पेयर और 5 एम्पेयर में आती है, जबकि PT RATIO की रेंज 110 वोल्टेज में आती है।
- CT से निकले आउटपुट पैरामीटर को हम एम्पेयर मीटर के साथ जोड़ा जाता है, जबकि PT के आउटपुट को वोल्ट मीटर के साथ जोड़ते है।
- PT स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर होता है, जबकि CT स्टेपअप ट्रांसफार्मर होता है।
तो दोस्तो उम्मीद है आज आपके CT और PT से जुड़े कई सवालो के जवाब मिल गए होंगे। अगर आपके अभी भी कोई सवाल इंजीनियरिंग से जुड़े है, तो आप हमे कमेन्ट करके जरूर बताये।
इंजीनियरिंग दोस्त (Engineering Dost) से जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। 🙂
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