इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में कुछ वर्ड्स जैसे की: रेजिस्टेंस, रिअक्टैंस, इंडक्टर, इंडक्टेन्स, केपिस्टेन्स, इम्पिडेन्स में लगभग सभी लोग कन्फूज रहते है, क्योकि ये सारे टर्म एक जैसे होते है इसलिए अगर कभी एग्जाम या फिर इंटरव्यू में इनसे जुड़ा कोई सवाल पूछ लिया जाता है तो लोग उसका सही जवाब नहीं दे पाते।
आज की इस पोस्ट में इन सभी को एक-एक करके प्रेक्टिली समझ लेंगे और अगर आपसे कभी इन वर्ड से जुड़ा कोई सवाल पूछ लिया जाता है तो आप उसका सही से जवाब दे पाएंगे। तो चलिए सबसे पहले हम समझ लेते है की आखिर रेजिस्टेंस क्या होता है फिर हम बाकी टर्म एक एक करके समझ लेंगे?
रेजिस्टेंस क्या होता है (What is Resistance)
दोस्तों रेजिस्टेंस का सिंपल वर्ड में मतलब होता है विरोध। यानी की आप आगे जा रहे हो और आपको पीछे से कोई खींच रहा है, आपको आगे नहीं जाने दे रहा, उसे ही हम रेजिस्टेंस कहते है।
इसी तरह हमारे किसी कंडक्टर वायर में जब करंट फ्लो होती है। तो उसके आगे जाने में जो बाधा उत्पन होती है उसे ही हम इलेक्ट्रिकल में रेजिस्टेंस कहते है, और जो एलिमेंट यह बाधा उत्पन कर रहा है उसे हम रेजिस्टेंस कहते है।
यानि की रजिस्टर करंट फ्लो होने में रुकावट पैदा करता है, और यह जो बाधा उत्पन कर रहा है उस बाधा को रेजिस्टेंस कहते है। रेजिस्टेंस जितना ज्यादा होगा उतनी ज्यादा करंट के रास्ते में बाधा उत्पन होगी, इसलिए उतनी कम करंट फ्लो होगी।
अब दोस्तों रजिस्टर को अच्छे से समझ लेने के बाद हमारा अगला टर्म आता है इंडक्टर और इंडक्टैंस, तो चलिए इसे भी अच्छे से समझ लेते है।
इंडक्टैंस क्या होता है (What is Inductance)
दोस्तों कई बार जब इंटरव्यू में पूछा जाता है की इंडक्टैंस क्या होता है तो कुछ लोग यह जवाब देते है की जैसे रजिस्टर करंट फ्लो होने में जो रुकावट पैदा का रहा था उसे हम रेजिस्टेंस कहते है वैसे ही इंडक्टर में जो करंट फ्लो होने में रुकावट पैदा कर रहा है उसे इंडक्टैंस कहते है।
लेकिन यह जवाब पूरी तरह से गलत है। दोस्तों आपको इसका सही उत्तर समझने के लिए पहले यह पता होना चाहिए की आखिर इंडक्टर क्या होता है।
जब हम कंडक्टर वायर को सीधा उपयोग में ना लेकर उस वायर को गोल-गोल लपेटकर फिर उपयोग में लेते है तो उसे हम कहते है कोयल और इसी कोइल को हम इंडक्टर नाम देते है। इस इंडक्टर को करंट का विरोध करने के लिए नहीं बल्कि एनर्जी को स्टोर करने के लिए बनाया जाता है।
तो जितनी एनर्जी यह इंडक्टर स्टोर कर सकता है, उसकी एनर्जी स्टोर करने की कैपेसिटी को ही हम इंडक्टैंस कहते है। अब दोस्तों इंडक्टर और इंडक्टैंस अच्छे से समझने के बाद हम आते है कैपेसिटर और केपेसिटेंस पर, आखिर ये क्या होते है?
केपेसिटेंस क्या होता है (What is Capacitance)
दोस्तों इसका काम भी इंडक्टर की तरह ही एनर्जी को स्टोर करना ही होता है, यह करंट का विरोध करने के लिए नहीं बनाया जाता। कैपेसिटर जितनी एनर्जी को स्टोर कर सकता है उसे ही केपेसिटेंस कहते है।
अब कुछ लोगो के मन में यह सवाल आ रहा होगा की आखिर इंडक्टर और कैपेसिटर में क्या अंतर होता है। तो दोस्तों इंडक्टर वायर को गोल गोल लपेटकर बनाते है वही कैपेसिटर दो पैरलल प्लेट को रख कर उन्हें चार्ज करते है।
दूसरा अंतर इंडक्टर और कैपेसिटर में यह होता है की कैपेसिटर एनर्जी को इलेक्ट्रिकल फिल्ड के रूप में स्टोर करता है वही इंडक्टर एनर्जी को मैगनेटिक फील्ड के रूप में स्टोर करता है।
आप इसे ऐसे भी याद रख सकते हो की कोइल में जब करंट फ्लो होती है तो उसके चारो और मैगनेटिक फील्ड उत्पन हो जाता है, और कोइल हमारी एक इंडक्टर ही होती है, जो की एनर्जी को मैगनेटिक फील्ड में स्टोर करती है। अब दोस्तों हम हमारे अगले टर्म पर आते है की इम्पिडेन्स क्या होता है।
इम्पिडेन्स क्या होता है (What is Impedance)
अभी तक हमने अलग अलग रजिस्टर, कैपेसिटर, और इंडक्टर की बात की। लेकिन दोस्तों आपको एक बात का ध्यान रखना है की जब कभी ये तीनो या फिर इनमे से कोई दो एक साथ आ जाये तो उस समय हम रेजिस्टेंस+केपेसिटेंस या फिर इंडक्टैंस+केपेसिटेंस ना कहकर उस पुरे सर्किट को एक कॉमन नाम दे देते है, वो है इम्पिडेन्स।
मतलब की अगर कही दो एलिमेंट या फिर तीनो एलिमेंट एक साथ जुड़े हुए है तो उस समय हम टोटल इम्पिडेन्स की बात करते है। यानी की जितने भी एलिमेंट उस सर्किट में जुड़े हुए है उनको जोड़कर उसे इम्पिडेन्स नाम देते है।
दोस्तों इन सब टर्म के बाद में हमारे पास आखिर में दो कपैसिटिव रिअक्टैंस और इंडक्टिव रिअक्टैंस बच जाते है जिनमे सबसे ज्यादा लोग कंफ्यूज रहते है। तो चलिए इन पर भी बात कर लेते है।
केपैसिटिव रिअक्टैंस और इंडक्टिव रिअक्टैंस क्या होते है?
What is Capacitive Reactance & Inductive Reactance?
दोस्तों हमने ऊपर देखा था की कपैसिटर और इंडक्टर एनर्जी को स्टोर करने के लिए बनाये जाते है। ये करंट फ्लो का विरोध नहीं करते। लेकिन दोस्तों ऐसा प्रक्टिकली सम्भव नहीं होता, प्रक्टिकली लाइफ में जब हम इनका उपयोग करते है तो ये थोड़ा-बहुत करंट का विरोध करते है।
कैपेसिटर जितना करंट फ्लो होने में बाधा उत्पन करता है उसे हम कपैसिटिव रिअक्टैंस और इंडक्टर जितना करंट फ्लो होने में बाधा उत्पन करता है उसे हम इंडक्टिव रिअक्टैंस कहते है।
उम्मीद है दोस्तों रजिस्टर, इंडक्टर, कैपेसिटर सारे टर्म आपको अच्छे से समझ आगये होंगे। अगर अभी भी कोई सवाल रह जाता है तो आप इस पोस्ट के नीचे कमेंट करके बता सकते है या फिर हमे इंस्टाग्राम “Electrical Dost” पर भी अपना सवाल भेज सकते है।
अगर आपको इलेक्ट्रिकल की वीडियो देखना पसंद है तो आप हमारे चैनल “Electrical Dost” पर विजिट कर सकते है।
मिलते है अगली पोस्ट में तब तक के लिए धन्यवाद 🙂
Very useful
Mast👌👍
Bahut acha dost… Excellent 👍
Nice … I need more detail in another electrical terms . Very helpful 👍
Engineering dost bahut bahut thanks aapki knowledge ki ganga yunhi bahti rhe hum iska labh lete rhenge.
Excellent info ❤️
Lajbab
Dost🌹🌹🌹🥇🥇🥇
Good since dost